Coca Cola Success Story
दो सो देशो में 400 से ज़्यादा उत्पाद और करीब डेढ़ अरब बोटल प्रतिदिन उत्पादन करने के साथ कोका कोला अमेरिका , चीन , जापान और बाकी दुनिया मे प्रमुख कंपनी बनाकर बैठे है।
हम जितनी भी प्रॉडक्ट्स जानते है जैसे की थम्सउप, फेंटा, लिम्का , स्प्राइट , माज़ा इत्यादि कोका कोला ही बनाता हैै।
तो चलिए दोस्तों देखते है कैसे केटली से निकला कोका कोला?
बात है सन 1886 की डॉ. जॉन अपने घर के पिछवाड़े एक खास प्रकार का लिक्विड बनाने मे जुटे हुए थे , जो सरबत जैसा हो और सिर दर्द मे औषधि के तौर पर काम आ सके।
इसके लिए उन्होने एक घरेलू नुस्का अपनाया नींबू , दालचीनी , कोका की पत्तिया और एक ब्राज़ीलियन झाड़ी के बीजो को पानी मे मिलाया और उन्हे एक केटली मे भर कर रख दिया कुछ समय बाद इसे चखने पर पाया की ये तो बहोत ही अच्छा सरबत बन गया था।
तुरंत इसी मिश्रण को फार्मेसी मे ले जा कर सबको टेस्ट करवाया सभी ने इस नये स्वाद वाले सरबत को पसंद किया , इस सरबत का कोका कोला नाम डॉ जॉन के दोस्त ने दिया था।
डॉ जॉन और उनके दोस्त ने साथ मिलकर कोका कोला कंपनी बनाकर 5 सेंट प्रति ग्लास के दर से कोका कोला बेचने का निर्णय लिया।
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कोका कोला की अड्वरटाइज़ करने मे कुल 80 डॉलर खर्च किए , लेकिन मुनाफ़ा सिर्फ़ 50 डॉलर का हुुआ।
कहा जाता है की डॉ जॉन को कोकीन की लत थी और इस कारण वे बीमार व दीवालिया हो गये थे।मजबूरन वर्ष 1892 मे उन्होने कोका कोला को असा केड्लर नामक एक अन्य कारोबारी को मात्र 2300 डॉलर मे बेच दिया वही कंपनी आज 142 अरब डॉलर से ज़्यादा पूंजी वाली कंपनी है
200 से ज़्यादा देशो मे इसके 400 से ज़्यादा ब्रांड है और रोजाना की बिक्री सवा अरब केन बोतलो की है
1893 मे केड्लर ने इस सरबत के फ़ॉर्मूले का पेटर्न करवा लिया और फैक्टरी लगाकर उत्पादन शुरू कर दिया।
केड्लर ने करीब ढाई करोड़ डॉलर मे उधोगपति वुडरफ को बेच दिया . 1923 मे वुडरफ ने इस कंपनी को अपने बेटे को सौंप दिया जो वास्तव में इसके असली उधारक बने , करीब 30 साल के अपने कार्यकाल मे उन्होंने कंपनी को शून्य से शिखर तक पहुचा दिया। उनकी प्रचार नीतियों को आज भी अमल मे लिया जाता है।
कोका कोला इंडिया का दावा है की एक बोतल को बनाने की पूरी प्रक्रिया मे करीब 400 छोटे बड़े प्रयोगशाला व अन्य परीक्षण किए जाते है , कंपनी भारत मे करीब 10 हज़ार लोगों को परोक्ष और लाखों छोटे बड़े विक्रेताओं को रोज़गार दे रही है, कोका कोला इंडिया के C.E.O. और प्रेसीडेंट नीरज गर्ग हैं और इनके नेतृत्व मे कंपनी अपनी 122 साल पुरानी साख को और अधिक प्रतिष्ठित कर रही है।
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तो दोस्तों ये थी पूरी कहानी कोका कोला की सफलता की। आपको Coca Cola की सफलता की यह कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं ताकि हम आपके लिए ऐसी ही और नई नई success stories ला सकें।
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